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16 जून को रायपुर में धर्म सभा, शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती बोले – धर्मांतरण के लिए राजनीतिक दल दोषी

रायपुर 28 मई 2023। 16 जून को रायपुर में धर्म सभा का आयोजन किया जायेगा। रायपुर के रावाभाठा मैदान में धर्म सभा का आयोजन किया जायेगा। 16 जून निश्चलानंद सरस्वती महाराज का प्राकट्य दिवस है। इस दौरान 11 हजार लोग कलश यात्रा भी निकालेंगे। ये बातें गोवर्धन मठ के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने कही। प्रेस कांफ्रेंस में शंकराचार्य ने कहा कि शंकराचार्य भगवान शिव का पद है। वो शंकराचार्य के पद पर 30 साल पहले प्रतिष्ठित हुए हैं। किसी भी गुप्तदल का प्रकट पक्षधर हैं वो शंकराचार्य का नहीं बन सकता है। उन्होंने बताया कि उनके अपहरण का प्रयास किया गया लेकिन मंसूबा कामयान नहीं हुआ।

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राम मंदिर के निर्माण को लेकर उन्होंने कहा कि मोदी और योगी श्रेय ले रहे हैं अच्छी बात है, लेकिन अयोध्या में राम मंदिर के साथ मस्जिद बनाने का प्रस्ताव आया तो उन्होंने हस्ताक्षर नहीं किया, अगर उस वक्त हस्ताक्षर किया होता तो नरसिंहराव के शासनकाल में ही मंदिर के साथ मस्जिद का निर्माण हो गया होता। छत्तीसगढ़ में तेजी से हो रहे धर्मांतरण पर शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि धर्मांतरण के लिए मुख्यमंत्री और राज्यपाल दोषी है।ये अपने दायित्व का निर्वाहन नही करते। इसलिए धर्मांतरण हो रहा है। सेवा के नाम पर हिन्दू को अल्पसंख्यक बनाने का काम कर रहा है,जिसके लिए हिन्दू भी जिम्मेदार है।

शंकराचार्य ने कहा कि अपनी समस्या का समाधान मिलकर करिए, एक समिति का गठन बनाइये जिसमे विधायक, सांसद और पार्षद को जोड़े और उनसे हर तीन महीने में उनसे उनके कार्यो को पूछे। रायपुर बीजेपी और कांग्रेस के भगवान राम पर सियासत शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा- कि राजनीति राजधर्म का ही नाम है। परोपकार सेवा संयम धर्म की सीमा है, धर्म की सीमा का अतिक्रमण कर राजनीति नहीं की जानी चाहिए, लेकिन इसका दुरुपयोग नहीं होनी चाहिए।

वहीं तीन मठों के मठाधीश के रायपुर आने की बात पर शंकराचार्य ने कहा कि उन्हे मान्यता आप देंगे? कोई भी शंकराचार्य बनकर आएगा उसे शंकराचार्य थोड़ी मान लेंगे, पूर्व में शंकराचार्य ने अपने जीवन काल में किसी को जीवित समय में शंकराचार्य घोषित नहीं किया, पुराने तो मेरे परिचित थे, नए मेरे परिचित नहीं हैं।

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